शहर पर पत्र
शहर आधुनिक जीवन की आस्थाओं
के केंद्र बन गए हैं, जिनसे आबादी की उम्मीदें बढ़ती ही जा रही हैं। इस चयन में शामिल कविताओं में शहर की आवाजाही कभी स्वप्न और स्मृति तो कभी मोहभंग के रूप में दर्ज हुई है।
पिता के पत्र पुत्री के नाम (पुरानी दुनिया के बड़े-बड़े शहर)
मैं लिख चुका हूँ कि आदमियों ने पहले-पहल बड़ी-बड़ी नदियों के पास और उपजाऊ घाटियों में बस्तियाँ बनाई जहाँ उन्हें खाने की चीज़ें और पानी इफ़रात से मिल सकता था। उनके बड़े-बड़े शहर नदियों के किनारे पर थे। तुमने इनमें से बाज मशहूर पुराने शहरों का नाम सुना
जवाहरलाल नेहरू
पिता के पत्र पुत्री के नाम (आदमियों के अलग-अलग दर्जे)
लड़कों, लड़कियों और सयानों को भी इतिहास अक्सर एक अजीब ढंग से पढ़ाया जाता है। उन्हें राजाओं और दूसरे आदमियों के नाम और लड़ाइयों की तारीख़ें याद करनी पड़ती है। लेकिन दरअसल इतिहास लड़ाइयों का, या थोड़े से राजाओं या सेनापतियों का नाम नहीं है। इतिहास का काम यह
जवाहरलाल नेहरू
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere