Font by Mehr Nastaliq Web

व्यवस्था पर कविताएँ

समय गीत

रोशन जनकपुरी

सहरसा छी हम

मुख्तार आलम

लड़ाइ जारी अछि

विभूति आनंद

बिखाह मौसम

रोशन जनकपुरी

कुपंथी औलाद

रफ़ीक़ शादानी

चक्रचालि

रमानन्द रेणु

पूर्णतः

विभूति आनंद

सफलताक आकाशमे

मुख्तार आलम

नायक हूँ

सतीश सम्यक

व्यवस्था

रमानन्द रेणु

तमाशा

सुस्मिता पाठक

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

रजिस्टर कीजिए