स्वप्निल श्रीवास्तव की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1954 | फ़ैज़ाबाद, उत्तर प्रदेश
नवें दशक के प्रमुख कवि। भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।
नवें दशक के प्रमुख कवि। भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।