रामगुलाम द्विवेदी के कवित्त
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
- 1831 | मिर्ज़ापुर, उत्तर प्रदेश
भक्त, कथावाचक और मानस-व्याख्याकार के रूप में प्रसिद्ध रीतिकालीन कवि। 'कवित्त रामायण' के रचनाकार।
भक्त, कथावाचक और मानस-व्याख्याकार के रूप में प्रसिद्ध रीतिकालीन कवि। 'कवित्त रामायण' के रचनाकार।