जितेंद्र कुमार की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1936 - 2006 | भोपाल, मध्य प्रदेश
धीरे-धीरे साहित्यिक परिदृश्य से अदृश्य हुए हिंदी के श्रेष्ठ कवि-कथाकार।
धीरे-धीरे साहित्यिक परिदृश्य से अदृश्य हुए हिंदी के श्रेष्ठ कवि-कथाकार।