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बाणभट्ट

छपरा, बिहार

बाणभट्ट की संपूर्ण रचनाएँ

उद्धरण 30

बड़े लोगों की बुद्धि स्वभाव से ही स्वतंत्र और अपनी रुचि के अनुरोध पर चलने वाली होती है।

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सहस्रों माता-पिता और सैकड़ों पुत्र पत्नियाँ युग-युग में हुए। सदैव के लिए वे किसके हुए और आप किसके हैं?

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दानव हो या मानव, मुनि हो या भोले-भाले शंकर, भी सुरलोक की सुंदरियों को कटाक्ष-शृंखला से वह बंध ही जाएगा।

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धार्मिक पुरुषों के पास कल्याण संपदाएँ सदैव रहती है।

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इस सुंदरी का शरीर मनोहर है, वाणी रम्य है तथा चरण-निक्षेप अलौकिक है।

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