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अभिनवगुप्त

950 AD - 1020 | कश्मीर

अभिनवगुप्त की संपूर्ण रचनाएँ

उद्धरण 1

अतः हमने प्राचीन सज्जन आचार्यों के मतों का खंडन नहीं किया है अपितु संशोधन किया है क्योंकि पूर्व आचायों द्वारा स्थापित सिद्धांतों की भली प्रकार संगति लगा देने में मौलिक सिद्धांतों की स्थापना का सही फल मिलता है।

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