Font by Mehr Nastaliq Web

थार का सैनिक

thaar ka sainik

राजदीप सिंह इंदा

अन्य

अन्य

राजदीप सिंह इंदा

थार का सैनिक

राजदीप सिंह इंदा

और अधिकराजदीप सिंह इंदा

    मैं देखा करता हूँ अक्सर, थार के सैनिक को

    धूल भरी आँधी में

    आग उगलती दुपहरी में

    कैसे करता है वो अपनी मातृभूमि की रखवाली।

    उसकी आँखों में दिखते हैं

    महफ़ूज़...

    संसद और वातानुकूलित दफ़्तर।

    दो घूँट पानी पीकर

    वो फिर से निगाहें जमाता है

    इधर संसद में होता है मध्याह्न

    वातानुकूलन में भोजनावकाश,

    महफ़ूज़ है देश के बच्चे और उनके पापा।

    इधर भीग जाता है उसके बेटे का ख़त

    पसीने से तरबतर

    पेंट की जेब में।

    मैं कोशिश करता हूँ समझने की

    आख़िर कौन करता होगा देश सेवा

    संसद या थार का सैनिक…!!!

    स्रोत :
    • रचनाकार : राजदीप सिंह इंदा
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    संबंधित विषय

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

    रजिस्टर कीजिए