Font by Mehr Nastaliq Web

एक मोहभंग : रूबेन दारियो के लिए

ek mohbhang : ruben dariyo ke liye

अनुवाद : गगन गिल

नेन्सी मोरेजॉन

अन्य

अन्य

नेन्सी मोरेजॉन

एक मोहभंग : रूबेन दारियो के लिए

नेन्सी मोरेजॉन

और अधिकनेन्सी मोरेजॉन

    रोचक तथ्य

    रूबेन दारियो (1868-1916) : निकारागुआ के कवि जो लातिनी अमेरिका के आधुनिकतावाद के पिता माने जाते हैं।

    अगर यहाँ से कभी मोर गुज़रा

    तो मैं यूँ बहाना करूँगी जैसे मैं देख रही हूँ उसके पंख,

    उसकी टाँगें, उसके फटे जाते पंजे,

    उसका बेवजह इतराना,

    उसकी लंबी गर्दन

    सच यह है कि एक मोर है

    जो अभी गुज़र नहीं रहा

    आधुनिकतावाद का मोर

    जिसने डरा दिया था एक सधे बालों वाले कवि को

    बदरंग हो गया उसका सूट समुद्र के खारे पानी से

    सच यह है कि एक मोर और भी है

    तुम्हारा नहीं

    जिसे मैं अपने ख़यालों के घर के आँगन में चीरती हूँ

    मरोड़ती हूँ उसकी गर्दन, लगभग शोक में

    और वह इतनी नीली मालूम होती है, इतनी नीली

    जैसे आकाश की नीलाहट हो।

    स्रोत :
    • पुस्तक : पुनर्वसु (पृष्ठ 401)
    • संपादक : अशोक वाजपेयी
    • रचनाकार : नेन्सी मोरेजॉन
    • प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली
    • संस्करण : 1989

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY