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मेरी माँ ने समूची दुनिया मेरे लिए मीठे पुओं में पका दी

meri maan ne samuchi duniya mere liye mithe puon mein paka di

अनुवाद : सुरेश सलिल

येहूदा आमिखाई

अन्य

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येहूदा आमिखाई

मेरी माँ ने समूची दुनिया मेरे लिए मीठे पुओं में पका दी

येहूदा आमिखाई

और अधिकयेहूदा आमिखाई

    मेरी माँ ने समूची दुनिया मेरे लिए मीठे पुओं में पका दी

    मेरी महबूबा ने मेरा रौशनदान सितारों की किशमिश से भर दिया

    और मेरी लालसाएँ मेरे भीतर,

    पावरोटी में बुलबुले की तरह बंद हो गईं।

    बाहर से मैं शांत, शालीन और स्वस्थ हूँ

    दुनिया मुझे प्यार करती है

    लेकिन मेरे बाल, किसी सूखते जोहड़ में खड़े नरकुलों की भाँति,

    उदास हैं—

    ख़ूबसूरत पंखों वाले सारे दुर्लभ परिंदे

    मेरे पास से उड़े जा रहे हैं।

    स्रोत :
    • पुस्तक : प्यास से मरती एक नदी (पृष्ठ 362)
    • संपादक : वंशी माहेश्वरी
    • रचनाकार : येहूदा आमिखाई
    • प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
    • संस्करण : 2020

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