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प्रभु उसे क्षमा करो

prabhu use kshama karo

गैब्रिएला मिस्ट्राल

गैब्रिएला मिस्ट्राल

प्रभु उसे क्षमा करो

गैब्रिएला मिस्ट्राल

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    तुम जानते हो मेरे प्रभु कि अक्सर धधकते हुए साहस से,

    निडरता से

    मैंने अपराधियों के लिए तुम्हारी करुणा का आह्वान किया है

    आज मैं उसके लिए तुम्हारे सम्मुख उपस्थित हुई हूँ जो

    मेरा था

    जो एक अमृत का प्याला था जिसे होंठ से लगाते ही मैं

    ताज़गी में नहा उठती थी

    जो मेरी ज़िंदगी की मिठास था

    जो मेरी अस्थियों की शक्ति था, जो मेरी जीवनयात्रा का

    मधुर अभिप्राय था

    जो मेरे कानों में पक्षियों के गीत-सा मधुर था;

    जो मुझे रेशमी वस्त्रों की तरह आवेष्ठित किए रहता था

    जो मेरे अपने अंश नहीं हैं उनके पीछे मैं दीवानी रहती हूँ

    इसलिए अगर इस व्यक्ति के लिए तुमसे कुछ माँगूँ तो

    अपनी आँख फेरना

    बात यह है मेरे प्रभु कि वह वास्तव में अच्छा आदमी था

    मैं कहती हूँ कि वह ऐसा आदमी था कि जिसके मन में

    कहीं कपट नहीं था

    उसका स्वभाव बहुत मीठा था धूप की तरह स्वच्छ

    और मधुमास की तरह उसमें अजब जादू थे।

    तुम रुखाई से कहते हो कि वह तुम्हारी करुणा के अयोग्य है

    क्योंकि उसके उष्ण होंठों पर कभी प्रार्थना के शब्द नहीं आए

    जो उस शाम को बिना तुम्हारे संकेत की प्रतीक्षा किए ही

    चला गया

    उसकी धड़कती कनपटियाँ टूटे पतले प्याले की तरह!

    लेकिन मैं प्रभु इसका विरोध करती हूँ—

    मैंने जैसे उसकी भौंहें छुई हैं

    वैसे ही मैंने उसका निश्छल और विक्षुब्ध हृदय भी छुआ था

    और वह अधखिली कली की तरह रेशमी और नाज़ुक था

    तुम कहते हो कि वह निर्मम था? तुम क्यों भूल जाते हो

    मेरे प्रभु

    कि मैं उसे प्यार करती थी

    और वह जानता था कि मेरा दर्द से क्षत-विक्षत हृदय केवल

    उसी का है

    वह मेरे उल्लास के शांत जल में हमेशा कंकड़ियाँ फेंक

    देता था

    ओह, यह सब कुछ नहीं (मेरे प्रभु) तुम जानते हो मैं उसे

    प्यार करती थी, तहेदिल से प्यार करती थी

    और प्यार करना (तुम जानते हो) कितना कडुवा और

    कठोर अभ्यास है

    आँसू भींगी पलकों को दबाकर आँसू रोकना

    धूल-भरी अलकों का चुंबन

    और तन्मय निगाहों को छिपा कर रखना।

    ज़ख़्म चीरने वाले तीर में भी एक अजब-सी स्वागत-भरी

    सिहरन रहती है

    जब वह प्यार करने वाले तन को पकी फ़सलों की तरह

    चीर देता है

    और सलीब भी उस समय गुलाब के गुच्छे-सा हलका

    लगता है

    (तुम तो जानते ही हो, तुमने क्रॉस वहन किया है।)

    यहाँ मैं पड़ी हूँ प्रभु, धूल में अपना चेहरा छिपाए

    शाम के धुँधलेपन के माध्यम से मैं तुमसे बातें कर रही हूँ

    और मेरी तमाम ज़िंदगी यही शाम का धुँधलापन बनी रहेगी

    अगर तुमने क्षमा का वह शब्द कहा जिसके लिए मैं

    आकुल हूँ

    मैं प्रार्थनाओं और सिसकियों से तुम्हें मथ डालूँगी

    मैं स्वामिभक्त कुत्ते की तरह तुम्हारे लबादे का छोर चाटूँगी

    तुम अपनी करुणाभरी आँखों से मुझे वंचित नहीं कर सकते

    तुम मेरे गर्म आँसुओं की बारिश से अपने चरण हटा

    नहीं सकते

    बोलो तुमने उसे क्षमा किया या नहीं! एक क्षमा का शब्द

    हवाओं में सैकड़ों चंदन मंजूषाओं की सुगंध बिखेर देगा

    जल-धाराएँ आलोक से नहा उठेंगी, खंडहर फूलों से ढँक

    जाएँगे

    पथ के कंकड़ पत्थर हीरों की तरह चमक उठेंगे

    नरभक्षी पशुओं की काली ख़ूँख़ार आँखों में दया के आँसू

    जाएँगे

    और वे चेतनामय पर्वत जो तूने पत्थरों से गढ़े हैं

    झरनों की शत-शत पलकों से रो पड़ेंगे

    और सारा संसार यह जान जाएगा कि तुमने उसे क्षमा

    कर दिया

    स्रोत :
    • पुस्तक : देशान्तर (पृष्ठ 185)
    • संपादक : धर्मवीर भारती
    • रचनाकार : गैब्रिएला मिस्ट्राल
    • प्रकाशन : भारतीय ज्ञानपीठ, काशी
    • संस्करण : 1960
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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