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बच्चे काम पर जा रहे हैं

bachche kaam par ja rahe hain

राजेश जोशी

अन्य

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राजेश जोशी

बच्चे काम पर जा रहे हैं

राजेश जोशी

नोट

प्रस्तुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा नौवीं के पाठ्यक्रम में शामिल है।

कुहरे से ढँकी सड़क पर बच्चे काम पर जा रहे हैं

सुबह-सुबह

बच्चे काम पर जा रहे हैं

हमारे समय की सबसे भयानक पंक्ति है यह

भयानक है इसे विवरण की तरह लिखा जाना

लिखा जाना चाहिए इसे सवाल की तरह

काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?

क्या अंतरिक्ष में गिर गई हैं सारी गेंदें

क्या दीमकों ने खा लिया है

सारी रंग-बिरंगी किताबों को

क्या काले पहाड़ के नीचे दब गए हैं सारे खिलौने

क्या किसी भूकंप में ढह गई हैं

सारे मदरसों की इमारतें

क्या सारे मैदान, सारे बग़ीचे और घरों के आँगन

ख़त्म हो गए हैं एकाएक

तो फिर बचा ही क्या है इस दुनिया में?

कितना भयानक होता अगर ऐसा होता

भयानक है लेकिन इससे भी ज़्यादा यह

कि हैं सारी चीज़ें हस्बमामूल

पर दुनिया की हज़ारों सड़कों से गुज़रते हुए

बच्चे, बहुत छोटे छोटे बच्चे

काम पर जा रहे हैं।

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राजेश जोशी

राजेश जोशी

स्रोत :
  • पुस्तक : क्षितिज भाग-1 (पृष्ठ 104)
  • रचनाकार : राजेश जोशी
  • प्रकाशन : एन.सी. ई.आर.टी
  • संस्करण : 2022

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