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हे भूख! मत मचल

he bhukh! mat machal

अक्कमहादेवी

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अक्कमहादेवी

हे भूख! मत मचल

अक्कमहादेवी

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    नोट

    प्रस्तुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा ग्यारहवीं के पाठ्यक्रम में शामिल है।

    एक

    हे भूख! मत मचल 
    प्यास, तड़प मत 
    हे नींद! मत सता 
    क्रोध, मचा मत उथल-पुथल 
    हे मोह! पाश अपने ढील 
    लोभ, मत ललचा 
    हे मद! मत कर मदहोश 
    ईर्ष्या, जला मत 
    ओ चराचर! मत चूक अवसर 
    आई हूँ संदेश लेकर चन्नमल्लिकार्जु का 

    दो

    हे मेरे जूही के फूल जैसे इश्वर 
    मँगवाओ मुझसे भीख 
    और कुछ ऐसा करो 
    कि भूल जाऊँ अपना घर पूरी तरह 
    झोली फैलाऊँ और न मिले भीख 
    कोई हाथ बढ़ाए कुछ देने को 
    तो वह गिर जाए नीचे 
    और यदि मैं झुकूँ उसे उठाने 
    तो कोई कुत्ता आ जाए 
    और उसे झपटकर छीन ले मुझसे।

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    अक्कमहादेवी

    अक्कमहादेवी

    स्रोत :
    • पुस्तक : आरोह (भाग-1) (पृष्ठ 137)
    • रचनाकार : अक्कमहादेवी
    • प्रकाशन : एन सी ई आर टी
    • संस्करण : 2022

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