मोना लिसा 2020

mona lisa 2020

विनोद भारद्वाज

विनोद भारद्वाज

मोना लिसा 2020

विनोद भारद्वाज

स्त्री का रहस्य उसके बालों में है

उसकी आँखों में

या उसकी मुस्कान में

यह मेरी समस्या नहीं है

सारे मर्दवादी कवियों को

मैंने कब से विदा दे रखी है लियोनार्दो!

इस मास्क ने ज़रूर मेरी मुस्कान मुझसे छीन ली है

मेरी भीड़ कहीं बेरहमी से छिपा दी गई है

बरसों पहले लोगों पर पाबंदी नहीं थी

वे मेरे पास सकते थे

मुझसे बातें कर लेते थे

कुछ उनके गुप्त रहस्य मैं जान जाती थी

कुछ औरतें मेरी सहेलियाँ बन जाती थीं

एक दिन उन्हें भी मुझसे दूर कर दिया गया

एक मज़बूत रस्सी का घेरा बना दिया गया

यह लक्ष्मण-रेखा मेरे लिए नहीं थी

मेरे चाहने वालों के लिए थी

तुम्हें क्या सचमुच लगता है लियोनार्दो

कि मुझे एक आराम की ज़रूरत थी

या एक गहरे अकेलेपन की

कमबख़्तों ने मुझे भी एक ख़ूबसूरत मास्क पहना दिया है

क्या उन्हें डर है कि यह महामारी

मेरी रहस्यमय मुस्कान

मुझसे छीन लेगी

नहीं, डरो नहीं

मेरे पास आओ

मुझे छुओगे तो ख़तरे की घंटियाँ बज जाएँगी

पर मेरे बहुत क़रीब जाओ

आज मुझे तुम्हारी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है

लूव्र के इस भयावह एकांत में

स्रोत :
  • पुस्तक : दुनिया मेरे आगे (पृष्ठ 36)
  • संपादक : अभिषेक कश्यप
  • रचनाकार : विनोद भारद्वाज
  • प्रकाशन : इंडिया टेलिंग
  • संस्करण : 2021

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