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मेरा साथ न छोड़ना

mera saath na chhoDna

गैब्रिएला मिस्ट्राल

गैब्रिएला मिस्ट्राल

मेरा साथ न छोड़ना

गैब्रिएला मिस्ट्राल

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    धरती तुम्हें छोड़ देगी परित्यक्त संतान की तरह

    अगर तुम्हारी आत्मा ने कभी मेरी आत्मा को, दूसरी आत्मा

    के लिए त्यागा तो।

    क्रुद्ध होकर

    समुद्र काँप उठेंगे, नदियों में बाढ़ जाएगी।

    जिस दिन से तुमने मेरे कंधे पर हाथ रखा

    दुनिया पहले से ज़्यादा सुंदर हो गई है

    जिस दिन फूलों से लदी हुई उस कँटीली झाड़ी के नीचे

    हम निःशब्द मौन खड़े थे

    और प्यार, गाढ़ी नशीली ख़ुशबू की तरह

    हमारी आत्माओं में बिंध गया था।

    गुफाएँ काले अजगर उगलेंगी

    अगर तुमने कभी मेरा साथ छोड़ा तो,

    तुम्हारे शिशु से विहीन, खोखली

    मेरी सूनी गोद ख़ाली पालने की तरह टँगी रहेगी

    लेकिन तुम्हारे और मेरे हृदय में छिपा मसीहा

    दयावान जीसस, करुणा का देवता कुचल जाएगा

    और मेरे घर के करुणा भरे दरवाज़े से भिखारियों

    को फटकार मिलेगी और दुखी औरतें निराश लौट

    जाया करेंगी

    तुम्हारे होठों ने अगर कभी दूसरे होठों पर

    कोई चुंबन अंकित किया तो वह मेरे कानों में

    गूँजेगा, मेरी कनपटियों से टकराएगा जैसे

    गहरे अँधेरे गह्वरों में से तुम्हारी आवाज़ मेरे पास लौट

    आती है

    इस पगडंडी की धूल तक में तुम्हारे चरणचिह्नों की

    सुगंध बसी हुई है

    मैं हिरणी की तरह उस सुगंध से व्याकुल

    बियाबान पहाड़ों में तुम्हें ढूँढ़ती फिरूँगी

    उड़ते हुए बादल

    तुम्हारे प्रणय की नई प्रतिमा का चित्र मेरे आँगन के

    आकाश में बना जाया करेंगे

    चोरी छिपे कितनी ही गहरी खाइयों में

    तुम उसे हृदय से लगाओ पर

    जब तुम चिबुक छूकर उसका चेहरा उठाओगे

    तो तुम देखोगे वह चेहरा मेरा हैं

    आँसुओं से तर, दु:ख से कुरूप!

    ईश्वर तुम्हें रोशनी नहीं देगा

    अगर तुम्हारे पथ पर तुम्हारे साथ मैं नहीं रहूँगी

    ईश्वर तुम्हें तृप्ति नहीं देगा

    यदि उस जल में मेरी परछाई नहीं काँपती

    ईश्वर तुम्हें चैन से सोने नहीं देगा

    अगर तुम मेरी बिखरी अलकों पर शीश रखकर नहीं सोओगे

    अगर तुम जाओगे तो मुझे कुचल कर जाओगे

    जैसे कोई सड़क पर पड़ी घास को कुचल कर जाता है

    पहाड़ों और मैदानों पर

    भूख और प्यास तुम्हें झकझोर डालेगी

    तुम जहाँ कहीं भी होंगे

    संध्या तुम्हें मेरे घायल व्यक्तित्व सी लगेगी

    जिस पर ताज़ा ख़ून जम गया हो

    अगर तुम किसी दूसरे का नाम पुकारोगे

    तो तुम्हारे होठों से मेरा ही नाम निकलेगा

    मैं तुम्हारे कंठ में शुष्कता बन कर

    अवरुद्ध हो जाऊँगी

    नफ़रत में, गीत में, प्यास में, प्यार में

    तुम मुझे पुकारोगे—सिर्फ़ मुझे

    अगर तुम चले गए, दूर कहीं तुम्हारा जीवन समाप्त भी

    हो गया

    तो क़ब्र के अंदर दस साल तक

    तुम्हारी हथेलियाँ फैली रहेंगी

    मेरे आँसू बटोरने के लिए

    और तुम अपने कलंकित तन की सिहरन अनुभव करते रहोगे

    जब तक कि मेरी हड्डियाँ चूर-चूर होकर

    तुम्हारे चेहरे पर बिखर कर उसे पुनः पवित्र कर दें

    स्रोत :
    • पुस्तक : देशान्तर (पृष्ठ 181)
    • संपादक : धर्मवीर भारती
    • रचनाकार : गैब्रिएला मिस्ट्राल
    • प्रकाशन : भारतीय ज्ञानपीठ, काशी
    • संस्करण : 1960
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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