मैडम के नाम एक अपील

maiDam ke naam ek appeal

उदयचंद्र झा ‘विनोद’

उदयचंद्र झा ‘विनोद’

मैडम के नाम एक अपील

उदयचंद्र झा ‘विनोद’

आज एक बार फिर आया हूँ

दिल्ली के दरबार में मैडम

पिछली बार अकेले आए थे विद्यापति ठाकुर

अब की बहुत सारे

बहुत सारे लाया हूँ हीरे-जवाहरात

सीताराम कहिए मैडम मेरी क्या औकात

मेरे यहाँ के लोग तो अब भी

अन्न के लिए ही बीते जाते हैं

धूप में सूखने के बदले भींगे ही जाते हैं

मैं बाध्य होकर आया हूँ मैडम

उस बार राजा का सवाल था

इस बार प्रजा का सवाल है

आप ही विचारिए मुझे क्या मिला

रास्तों को बरौनियों से बुहारते वर्ष के वर्ष बीते

कलेजे से तिरंगा सटाए कुहर रहा हूँ

आपके इस राज में ऐसे जीता हूँ जैसे मर रहा हूँ।

हम लोग स्नेही लोग हैं मैडम

स्नेह से जीते हैं, स्नेह ही बरतते हैं

हमे ख़ाली हाथ नहीं लौटाइए

अन्यथा रह जाएँगी

दिवसरानी के बक्से की साड़ी-सी धराऊँ

हम अपनी भाषा माँगते हैं, कोई चाँद नही

अपना स्थान चाहते है, कोई सम्मान नहीं।

विनती के बंदूक़ तक की यात्रा पर

नहीं करें बाध्य मैडम

हमारा जनक का देश है

जहाँ अब भी प्रत्येक बाला के मन प्राण में

वास करती है जानकी

अब भी जहाँ युवकों में मिलेंगे महेश

हमारा है मण्डन मिश्र का देश

सुनी होंगी आप भी काता और खंडा

निरर्थक खड़ी की हैं वितंडा

हो सकता है नहीं भी सुनी होंगी

क्या ज़रूरत है

बात की बात से फ़ुर्सत हो तब

काम की बात सुनेंगी

वैसे आप जो अपने कान से

नहीं सुनती हैं, सचमुच

बहुत ज़ुल्म करती हैं।

हमारी इस विनती

इस संधि प्रस्ताव को

नहीं ठुकराएँ मैडम

हमारे इस सौम्य रूप की प्रखरता को

नज़रअंदाज़ नहीं करें

मेरी देह की गुदरी

और होठों के गीत

कोई छीन नहीं सकता है

आपसे पहले भी

और कोई लोग प्रतापी हुए हैं।

स्रोत :
  • पुस्तक : मैथिली कविताएँ (पृष्ठ 35)
  • संपादक : ज्ञानरंजन, कमलाप्रसाद
  • रचनाकार : उदयचंद्र झा ‘विनोद’
  • प्रकाशन : पहल प्रकाशन
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

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‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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