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मैं मुसलमानों पर कुछ नही लिखूँगा

main musalmanon par kuch nahi likhunga

तरुण भारतीय

तरुण भारतीय

मैं मुसलमानों पर कुछ नही लिखूँगा

तरुण भारतीय

मैं केवल अपने चचेरे भाई पर लिखूँगा

जिसको रोज़ हिंदू होने के नए तरीक़े सूझते हैं

बलात्कारी भाषा जिसे हिंदी भी कहा जा सकता है

उसमें वह गढ़ता है हर रात एक नया शब्द

एक इतिहास जहाँ केवल बिरयानी है

और कुछ ग़ालिब-वालिब भी

उसकी अर्धांगिनी जो सम्राट के सपने देखती है

अलसाये दिनों में बिना डरे

मुझे मुसलमानों पर कुछ नहीं कहना है

क्योंकि मुझे तो ये भी नहीं पता कि

उनमें ग़ुस्सा है या डर या दोनों या

वे हँसते हैं मेरी अकसकाती शर्म पे

उनके घर, इतिहास, हँसी, बदमाशी, इश्क़

को जलाने के बाद इस देश की तरह

मुझे उनकी कविता राख नहीं करनी है

(अ के लिए)

स्रोत :
  • रचनाकार : तरुण भारतीय
  • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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