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जीवन छंद

jivan chhand

कलानाथ मिश्र

अन्य

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कलानाथ मिश्र

जीवन छंद

कलानाथ मिश्र

और अधिककलानाथ मिश्र

    (दिनकर के प्रति)

    तुमको अथवा

    तेरे कवि मन को

    नमन करूँ मैं!

    पुष्पित काव्य कुसुम को

    ओजस्वी गुण को

    नमन करूँ मैं।

    शंखनाद से स्वर को

    राष्ट्रवाद चिन्तन को

    नमन करूँ मैं

    किस विधि

    नमन करूँ मैं दिनकर

    किस विधि नमन करूँ मैं।

    तुम वह जिसका ध्यान आज भी,

    सुरभित मन को करता है।

    तू वह जिसका ज्ञान आज भी

    आलोकित जन को करता है।

    तेरी ही वाणी से हो रहा प्रसारित,

    मातृभ्रूमि का स्वर है।

    तू वही जिसकी दुंदभि,

    आलोड़ित प्रण को करता है।

    ओज, क्रांति, विद्रोह के

    स्वरों को नमन करून मैं

    शृंगार, सौंदर्य से युक्त

    तुम्हरे काव्य गुणों को

    किस विधि अनुशरण करूँ मैं

    दिनकर

    किस विधि नमन करूँ मैं।

    “रसवंती” “उर्वशी” के

    प्रेम-पगे दर्शन को

    रश्मिरथी, कुरुक्षेत्र के

    हुँकार भरे प्राण को नमन करू मैं

    किस विधि नमन करूँ मैं कविवर।

    किस विधि नमन करूँ मैं।

    स्रोत :
    • रचनाकार : कलानाथ मिश्र
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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