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जब तुम उदास होना

jab tum udas hona

सत्येंद्र कुमार

अन्य

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सत्येंद्र कुमार

जब तुम उदास होना

सत्येंद्र कुमार

और अधिकसत्येंद्र कुमार

     

    महमूद दरवेश की स्मृति में

    जब तुम उदास हो जाना
    आ जाना उन गीतों की दुनिया में
    जीवित हैं जहाँ सब कुछ 
    जिसे महसूस कर सकते हो तुम छूकर 
    वहाँ नदियों का विलाप है
    चिड़ियों की चहचहाहट है
    पहाड़ों की दृढ़ता है
    रोते बच्चों को सहलाते प्यारे-प्यारे हाथ हैं
    माँ की आँखों में उतरती 
    सपनों की एक दुनिया है
    मज़दूर के मज़बूत कंधे हैं
    किसानों के पैरों की फटी बिवाइयाँ हैं
    साम्राज्यवादियों का कुचक्र है
    तानाशाहों का उन्माद है
    जेलों की तंग कोठरियाँ हैं
    दृढ़ इरादे हैं
    न थकने वाली आस्था है
    मनुष्य का सत्त निचोड़ती 
    सत्ता का छल है
    तुम आओ हमारी दुनिया में 
    हमारे सपनों के साथ जुड़कर 
    पृथ्वी से दु:खों को ख़त्म करने का संकल्प लेने 
    तभी बचेगी यह दुनिया 
    बचेंगे गीत 
    बचूँगा मैं 
    तुम्हारे भीतर तुम्हारा ही अंश बनकर 
    हाथों में पड़ी हथकड़ियाँ और पाँवों में डाली गई 
    जंज़ीरें भी नहीं तोड़ पाएँगी 
    हमारे दृढ़ इरादों को।

    स्रोत :
    • पुस्तक : हे गार्गी (पृष्ठ 73)
    • रचनाकार : सत्येंद्र कुमार
    • प्रकाशन : रश्मि प्रकाशन
    • संस्करण : 2018

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