वर्टिकल पोएट्री : लास्ट पोएम्ज़-26
wartikal poetri ha last poemz 26
रोबेर्तो ख्वार्रोस
Roberto Juarroz

वर्टिकल पोएट्री : लास्ट पोएम्ज़-26
wartikal poetri ha last poemz 26
Roberto Juarroz
रोबेर्तो ख्वार्रोस
और अधिकरोबेर्तो ख्वार्रोस
हर चीज़ किसी दूसरी चीज़ से बात करती है।
लेकिन रात का आगाज़ करने वाले फूल किसके साथ बात करते हैं?
मेरा दिल जो अब मेरा कंधा बन चुका है, किसके साथ बात करता है?
टूटे हुए हाथ की लड़खड़ाहट किससे बात करती है?
मेरी मौत के अगले दिन मेरे शब्द किससे बात करेंगे?
ईश्वर की वही पुरानी अनुपस्थिति किससे बात करती है?
सपनों को तोड़ देने वाले दृश्य किससे संवाद करते हैं?
वह आदमी जो अपनी धुन में मगन अकेला खेल रहा है, किससे बात करता है?
शायद कोई ऐसी चीज़ है जो हर दूसरी चीज़ से बात करती है।
क्या किसी ऐसी चीज़ की कल्पना करना संभव है जो शून्य के साथ संवाद रचती है?
शून्य अगर सभी से विलग हो जाए
तो शून्य का भी अस्तित्व नहीं रहेगा।
- संपादक : अविनाश मिश्र
- रचनाकार : रोबेर्तो ख्वार्रोस
- प्रकाशन : सदानीरा पत्रिका, अंक-21
Additional information available
Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.
About this sher
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.
rare Unpublished content
This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.