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एक प्रेत आ सकता है

ek pret aa sakta hai

एलेन गिन्सबर्ग

अन्य

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एलेन गिन्सबर्ग

एक प्रेत आ सकता है

एलेन गिन्सबर्ग

और अधिकएलेन गिन्सबर्ग


     
    मुझे लगता है जैसे मैं एक मृत छोर पर हूँ
    और इसलिए मैं ख़त्म हो चुका हूँ।
    मैं महसूस करता हूँ सत्य हैं सभी
    आध्यात्मिक तथ्य किंतु मैं कभी भी छुटकारा नहीं पा सकता
    बंदी होने और स्व की तुच्छता
    उस सबकी निस्सारता की भावना से जो मैंने देखा, किया और कहा।
    मुमकिन है यदि मैंने अपना रवैया
    जारी रखा होता तो चीज़ों से मुझे अधिक प्रसन्नता होती
    किंतु अब मुझे कोई उम्मीद नहीं है और मैं थक चुका हूँ
     
    स्रोत :
    • पुस्तक : पुनर्वसु (पृष्ठ 152)
    • संपादक : अशोक वाजपेयी
    • रचनाकार : एलेन गिन्सबर्ग
    • प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली
    • संस्करण : 1989

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