Font by Mehr Nastaliq Web

दल-बदल

dal badal

मदनलाल डागा

अन्य

अन्य

मदनलाल डागा

दल-बदल

मदनलाल डागा

और अधिकमदनलाल डागा

    जनम ले, मर के लाखों बार यह चोला बदल डाला,

    विधायक बन गए तो क्या? भाग्य उनका रहा काला;

    ग्रहों के बदलने की प्रतीक्षा, कब तक करे कोई?

    जनम फिर हो हो? इससे उन्होंने दल बदल डाला!

    देश आजाद है, अवसर नहीं हैं हाथ मलने का,

    'बैल' ही हाँक लो, 'गर है नहीं यह 'दीप' जलने का;

    लगाएँ पूँजी कितनी? सोचते हैं जॉनसन साहब,

    हिंद में खुल गया व्यापार अच्छा दल-बदलने का!

    विधायक-क्रय के रुपए डूब गए, ग़म है पर खालो,

    जो बनना मुख्यमंत्री, आस्तीं में साँप मत पालो;

    ख़रीदा जिनको, उनके दल-बदलने का अगर हो डर—

    बुला बरनार्ड को, उन लीडरों के दिल बदलवा लो!

    स्रोत :
    • पुस्तक : आँसू का अनुवाद (पृष्ठ 59)
    • रचनाकार : मदनलाल डागा
    • प्रकाशन : संगम प्रकाशन
    • संस्करण : 1937

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

    रजिस्टर कीजिए