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चुप्पी

chuppi

राजीव कुमार तिवारी

अन्य

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और अधिकराजीव कुमार तिवारी

    बोलना

    संसार से जोड़ता है

    बाहर की तरफ़ रास्ता खोलता है

    चुप्पी भीतर की ओर

    ले के जाती है

    स्वयं तक

    पर चुप्पी में

    बहुत गहरे उतर जाने पर

    स्वयं से दूर भी चला जाता है आदमी

    चुप्पी

    विरोध और उदासीनता

    दोनों को संकेत करती है

    विरोध बदलाव की तरफ़ ले के जाता है

    उदासीनता मृत्यु की ओर

    कभी दुनियाँ को समझकर

    कभी दुनियाँ से हारकर

    चुप होता है आदमी

    चुपके पानी में

    सबसे स्थिर और गहरी

    उतरती है छवि

    मन की

    संसार की

    चुप्पी के दायरे से उठकर

    जाता है जब कोई संसार की ओर

    स्वयं को और संसार को

    बदली हुई दृष्टि से

    देख पाता है फिर वह।

    स्रोत :
    • रचनाकार : राजीव कुमार तिवारी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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