वर्टिकल पोएट्री : लास्ट पोएम्ज़-25
wartikal poetri ha last poemz 25
एक इबारत लिखना
और इसे पन्ने पर अकेला छोड़ देना।
उस इबारत को दुबारा नहीं पढ़ना,
किसी को नहीं दिखाना,
कहीं नहीं भेजना।
इबारत को पन्ने पर विश्राम करने देना।
और वहीं से यह इबारत अपना पाठक ढूँढ़ लेगी,
जैसे सभी किताबें अपने पाठक ढूँढ़ लेती हैं।
यहाँ तक कि वह किताब भी जो हमारे भीतर लिखी पड़ी है
और हमें यह असंभव लगता है कि इसे कोई पढ़ सकता है।
- संपादक : अविनाश मिश्र
- रचनाकार : रोबेर्तो ख्वार्रोस
- प्रकाशन : सदानीरा पत्रिका, अंक-21
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