एन एनकाउंटर रेज़ीडेंसी : बनारस के इतिहास, किंवदंती और ज्ञान की खोज
हिन्दवी डेस्क
08 अक्तूबर 2024

किसी शहर को जानने के लिए उसको आत्मसात करना आवश्यक है, लेकिन कुछ शहर आपसे आपकी आत्मा को ही माँगते हैं—कहने का मतलब है ख़ुद को आत्मर्पित करना। बनारस जो इतिहास और किंवदंतियों का संगम है। इस शहर को समझने के लिए केवल सतही जानकारी पर्याप्त नहीं। हमें इसके भीतर छिपे हुए कई शहरों और लोक को समझने का प्रयास करने की ज़रूरत है। बनारस की गंगा अपने भीतर कई और धारा और उस धारा के विपरीत भी बहने वालों की हिमाक़त की कहानियाँ लिए बह रही है।
बनारस सिर्फ़ घाटों का शहर नहीं है। यह इतिहास का एक जीवंत प्रवाह है। नदियाँ, विशेषकर गंगा ने, यहाँ के इतिहास को गढ़ा है। कई लोगों ने इस इतिहास को सँजोकर रखा है, जिससे आने वाली पीढ़ियाँ भी अपने वर्तमान से जुड़े रहते हुए, इतिहास के दर्शन कर सकें। किसी भी विषय-वस्तु को समझने और जानने की प्रक्रिया को ज्ञानमीमांसा (एपिस्टेमोलॉजी) कहते हैं, और इससे जुड़े ज्ञान-दर्शन को तैय्यार करते हुए, एक इतिहास-बोध को उजागर होने देते हैं।
इसी क्रम में, 8 अक्टूबर से 13 अक्टूबर, 2024 के बीच कला के विभिन्न क्षेत्रों के पारंगत कर्मियों और अकादमिक जगत से सरोकार रखने वालों को एक साथ लाकर, बनारस के विभिन्न पहलुओं पर ‘एन एनकाउंटर रेसीडेंसी’ प्रोग्राम को सुनियोजित करने का प्रयास किया है।
इस कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए हम विभिन्न पहलुओं पर विचारधीन रहेंगे :
युवाओं की भागीदारी : युवाओं को इस कार्यक्रम में शामिल करना महत्त्वपूर्ण है। इससे वे बनारस को घूमने मात्र का शहर नहीं मानकर एक शहर को उसके पूर्ण अनुभव का माध्यम बना सकते हैं।
विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ : देश के विभिन्न कोनों से आए हुए विशेषज्ञों के साथ यह अभियान ‘पर्यटक दृष्टि’ से आगे बढ़कर शहर के परिदृश्य का अनुभव करने का एक अनूठा तरीक़ा लिए प्रेरित हैं। इससे लोग बनारस के बारे में एक बहुआयामी दृष्टिकोण और कलात्मक जुड़ाव की ओर अग्रसर होंगे।
विषयों की विविधता : केवल इतिहास पर ही नहीं बल्कि संस्कृति, कला, धर्म, साहित्य आदि जैसे विभिन्न विषयों पर विमर्श के तहत सौंदर्यशास्त्र की समसामायिक विवेचना करना।
प्रायोगिक गतिविधियाँ : व्याख्यानों के अलावा, कुछ प्रायोगिक गतिविधियाँ भी आयोजित की जा सकती हैं। जैसे कि घाटों का भ्रमण, संगीत-कार्यक्रम या स्थानीय लोगों के साथ बातचीत।
बनारस के बारे में कुछ अतिरिक्त बिंदु जो आप अपनी चर्चा में हम शामिल कर रहे हैं।
धार्मिक विविधता : बनारस बौद्धों, जैनियों और हिंदुओं का एक महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थल है।
साहित्य और कला : बनारस ने कई प्रसिद्ध कवियों, लेखकों और कलाकारों को जन्म दिया है।
बदलता स्वरूप : आधुनिकीकरण के साथ बनारस का स्वरूप भी बदल रहा है। इस पर भी चर्चा की जा सकती है।
'बेला' की नई पोस्ट्स पाने के लिए हमें सब्सक्राइब कीजिए
कृपया अधिसूचना से संबंधित जानकारी की जाँच करें
आपके सब्सक्राइब के लिए धन्यवाद
हम आपसे शीघ्र ही जुड़ेंगे
बेला पॉपुलर
सबसे ज़्यादा पढ़े और पसंद किए गए पोस्ट
26 मई 2025
प्रेम जब अपराध नहीं, सौंदर्य की तरह देखा जाएगा
पिछले बरस एक ख़बर पढ़ी थी। मुंगेर के टेटिया बंबर में, ऊँचेश्वर नाथ महादेव की पूजा करने पहुँचे प्रेमी युगल को गाँव वालों ने पकड़कर मंदिर में ही शादी करा दी। ख़बर सार्वजनिक होते ही स्क्रीनशॉट, कलात्मक-कैप
31 मई 2025
बीएड वाली लड़कियाँ
ट्रेन की खिड़कियों से आ रही चीनी मिल की बदबू हमें रोमांचित कर रही थी। आधुनिक दुनिया की आधुनिक वनस्पतियों की कृत्रिम सुगंध से हम ऊब चुके थे। हमारी प्रतिभा स्पष्ट नहीं थी—ग़लतफ़हमियों और कामचलाऊ समझदारियो
30 मई 2025
मास्टर की अरथी नहीं थी, आशिक़ का जनाज़ा था
जीवन मुश्किल चीज़ है—तिस पर हिंदी-लेखक की ज़िंदगी—जिसके माथे पर रचना की राह चलकर शहीद हुए पुरखे लेखक की चिता की राख लगी हुई है। यों, आने वाले लेखक का मस्तक राख से साँवला है। पानी, पसीने या ख़ून से धुलकर
30 मई 2025
एक कमरे का सपना
एक कमरे का सपना देखते हुए हमें कितना कुछ छोड़ना पड़ता है! मेरी दादी अक्सर उदास मन से ये बातें कहा करती थीं। मैं तब छोटी थी। बच्चों के मन में कमरे की अवधारणा इतनी स्पष्ट नहीं होती। लेकिन फिर भी हर
28 मई 2025
विनोद कुमार शुक्ल का आश्चर्यलोक
बहुत पहले जब विनोद कुमार शुक्ल (विकुशु) नाम के एक कवि-लेखक का नाम सुना, और पहले-पहल उनकी ‘प्रतिनिधि कविताएँ’ हाथ लगी, तो उसकी भूमिका का शीर्षक था—विनोद कुमार शुक्ल का आश्चर्यलोक। आश्चर्यलोक—विकुशु के