Font by Mehr Nastaliq Web
Laxmi Narayan Mishr's Photo'

लक्ष्मीनारायण मिश्र

1903 - 1987 | मऊ, उत्तर प्रदेश

1930-50 के दौर में लोकप्रिय रहे सुपरिचित नाटककार और रंगकर्मी।

1930-50 के दौर में लोकप्रिय रहे सुपरिचित नाटककार और रंगकर्मी।

लक्ष्मीनारायण मिश्र की संपूर्ण रचनाएँ

उद्धरण 38

स्त्री का हृदय सर्वत्र एक है; क्या पूर्व क्या पश्चिम, क्या देश क्या विदेश |

स्त्री किसी भी अवस्था की क्यों हो, प्रकृति से माता है और पुरुष किसी भी अवस्था का क्यों हो, प्रकृति से बालक है।

अपने धर्म की चिंता मनुष्य नहीं करता किंतु दूसरों के लिए वह बराबर धर्म बनाता चलता है।

धर्म आकाश से नीचे नहीं उतरता, धरती से ऊपर उठता है।

जाति पुरुष की होती है... कन्या की देह पर जाति का अवलेप नहीं चढ़ता। भाग्य जिस पुरुष के साथ जा लगे... उसकी जाति उस पुरुष की हो जाती है।

पुस्तकें 7

 

Recitation