गगन तलरेजा के बेला
प्यार के बाज़ार में
मित्र को प्यार हो गया है—सच्चा प्यार। पाकीज़ा मुहब्बत। ट्रू लव टाइप मामला लग रहा है। जबसे वह प्रेम की गिरफ़्त में आए हैं, तभी से खोये-खोये से रहते हैं। उनकी रातें भी अब आँखों में गुज़रती हैं। इस चक्क
02 अक्तूबर 2025
स्कूली निबंधों में महात्मा गांधी
गांधी-जयंती आ रही है। बचपन में हमारे पाठ्यक्रम का बड़ा अहम हिस्सा रहे हैं बापू। स्कूल में गाय-भैंस, सहेला-सहेली, माता-पिता, नानी-दादी के घर पर बिताई छुट्टियाँ, रेलगाड़ी का सफ़र, बसंत-बरसात आदि की तरह
हम चुटकुलों से ख़फ़ा हैं
आमतौर पर तो भारतीय प्रथा यह है कि ज़रूरी मुद्दों को चुटकुला बना दिया जाए। लेकिन कभी-कभी जब किसी सुहाने दिन मंद-मंद-सी बयार बह रही हो, फ़िज़ा तनिक महकी-महकी-सी होने लगे, तो सोने पर सुहागा यह कि संडे ट