अपने जीवन में नियमित और व्यवस्थित रहो, ताकि तुम अपने लेखन में हिंसक और मौलिक बन सको।
गृहस्थाश्रम में कोई कर्मयोग द्वारा परलोक में सिद्धि बताते हैं। दूसरे लोग कर्म का त्याग कर ज्ञान द्वारा सिद्धि का प्रतिपादन करते हैं। विद्वान पुरुष भी इस जगत् में भक्ष्य पदार्थों का भोजन किए बिना तृप्त नहीं हो सकता, अतएव विद्वान ब्राह्मण के लिए भी क्षुधा-निवृत्ति के लिए भोजन करने का विधान है।
अराजक देश में शीघ्रगामी वाहन और यानों पर स्त्री-पुरुष वन में घूमने नहीं जा सकते।
अराजक देश में धनी लोग, जो कृषि और गोरक्षा से जीविका करते हैं, सुरक्षित रहकर घर के किवाड़ खोल कर नहीं सो सकते।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere