वेणुक जातक
वाराणसी के राजा ब्रह्मदत्त के समय में बोधिसत्व ने काशी के एक बहुत संपन्न कुल में जन्म लिया था। जब उन्हें कुछ ज्ञान हुआ, तब उन्होंने सोचा कि कामना से ही सब दुःख होते हैं और निष्काम रहने में ही पूर्ण सुख है। इसलिए वे कामनाओं का परित्याग करके हिमालय चले