देशभक्ति पर आलोचनात्मक लेखन
देश के प्रति आस्था,
अनुराग और कर्तव्यपरायणता ही नहीं, देश से अपेक्षाओं और समकालीन मोहभंग के इर्द-गिर्द देशभक्ति के विस्तृत अर्थों की पड़ताल करती कविताओं से एक चयन।
सरदार पूर्णसिंह और उनकी विचार धारा
फ्रांस के एक प्रसिद्ध आलोचक का कथन है कि यदि किसी कलाकार की कृतियों के रहस्य को हृदयंगम करना हो तो उसके जीवन की सभी घटनाओं का भली-भाँति अध्ययन करना चाहिए। सरदार पूर्णसिंह ने चार पाँच निबंध लिखकर ही हिंदी के निबंध-साहित्य में जो शीर्ष स्थान प्राप्त किया
कन्हैयालाल सहल
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere