भारत कभी भी सही अर्थों में राष्ट्रवादी नहीं रहा।
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राष्ट्रवाद एक बहुत बड़ा संकट है। यह विशेष बात है, जो सालों से भारत की समस्याओं का कारण रही है।
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देशभक्ति दुष्टों की अंतिम शरणस्थली है।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere