पुरुष पर दोहे
कहिं ससहरु कहिँ मयरहरु कहिँ बरिहिणु कहिं मेहु।
दूर-ठिाएँ वि सज्जणहँ होइ असड्ढलु नेहु॥
कहाँ चंद्रमा और कहाँ समुद्र! कहाँ मोर और कहाँ मेघ! दूर रहने पर भी सज्जनों का असाधारण स्नेह होता है।
कहिं ससहरु कहिँ मयरहरु कहिँ बरिहिणु कहिं मेहु।
दूर-ठिाएँ वि सज्जणहँ होइ असड्ढलु नेहु॥
कहाँ चंद्रमा और कहाँ समुद्र! कहाँ मोर और कहाँ मेघ! दूर रहने पर भी सज्जनों का असाधारण स्नेह होता है।