महात्मा गांधी पर आत्मकथ्य
महात्मा गांधी आधुनिक
भारतीय इतिहास के उन प्रमुख व्यक्तित्वों में से एक हैं जिन्होंने न केवल समकालीन राष्ट्रीय युगबोध को आकार प्रदान किया बल्कि भविष्य की प्रेरणा की ज़मीन को भी उर्वर बनाया। इस चयन में गांधी और गांधी-दर्शन को आधार बना व्यक्त हुई अभिव्यक्तियों का संकलन किया गया है।
गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात
उन दिनों मेरे भाई बलराज, सेवाग्राम में रहते थे, जहाँ वह 'नई तालीम' पत्रिका के सह-संपादक के रूप में काम कर रहे थे। यह सन् 1938 के आसपास की बात है, जिस साल कांग्रेस का हरिपुरा अधिवेशन हुआ था। कुछ दिन उनके साथ बिता पाने के लिए मैं उनके पास चला गया था। रेलगाड़ी
भीष्म साहनी
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere