झूठ पर नवगीत

झूठ मिथ्या या असत्य

वचन है। इसे सत्य का छद्म या भ्रम भी कहा जाता है। यहाँ झूठ शब्द-केंद्र पर परिधि पारती कविताओं का एक चयन प्रस्तुत है।

न बहुरे लोक के दिन

अनामिका सिंह

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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