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झील पर उद्धरण

कविताओं और गीतों में

प्रेमिकाओं की आँखों की गहराई को व्यक्त करने के लिए झील प्राय: आती रही है। इस आगमन से इतर भी कविता में यह बहुत बार सीधे उपस्थित रही है। यहाँ प्रस्तुत हैं—झील विषयक कुछ कविताएँ।

quote

उसके स्वरूप की सुधा ही नेत्र-नीर है।

गोपालशरण सिंह
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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