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ज्ञान पर कविताएँ

ज्ञान का महत्त्व सभी

युगों और संस्कृतियों में एकसमान रहा है। यहाँ प्रस्तुत है—ज्ञान, बोध, समझ और जानने के विभिन्न पर्यायों को प्रसंग में लातीं कविताओं का एक चयन।

अनागत

देवी प्रसाद मिश्र

किताबें

सफ़दर हाश्मी

कवि

महेंद्र भल्ला

लयबद्ध

कैलाश वाजपेयी

ग्रीष्म में

अलेक्सांद्र ब्लोक

दुनिया का कोण

नवीन रांगियाल

नहीं चाहता डँसा जाना

नंदकिशोर आचार्य

साज़िश

नवीन रांगियाल

कौवा और आचार्य

शैलेंद्र कुमार शुक्ल

केवल प्रेम है

सुमित त्रिपाठी

पैंतीस

दर्पण साह

नए युग

बेर्टोल्ट ब्रेष्ट

पढ़ो, लिखो, बदलो

सौरभ मिश्र

ज्ञान

ग़ुलाम अहमद फ़ाज़िल

त्रिकाल दीक्षा

दिनेश कुमार शुक्ल

वह क्या है

नंदकिशोर आचार्य

सवाल

सौरभ मिश्र

उनका अश्व पकड़ना साथी

संजय चतुर्वेदी

अंतिम उपदेश

अजमेर रोडे

ताक़तवर

पंकज सिंह

पेशाब के बहाने

निखिल आनंद गिरि

अर्थ

शैलेंद्र कुमार शुक्ल

उदास लड़के : टॉपर

घुँघरू परमार

सबक़

नवीन रांगियाल

ज्ञ

संतोष कुमार चतुर्वेदी

नौसिखिया

सत्यम तिवारी

सामर्थ्य

आदर्श भूषण

हिदायतें

दीपक सिंह

हे ऋषि पतंजलि

अजमेर रोडे

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere