बरखा और मेघा

barkha aur megha

आस्तिक सिन्हा

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बरखा और मेघा

आस्तिक सिन्हा

नोट

प्रस्तुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा एक के पाठ्यक्रम में शामिल है।

एक बार की बात है, दो सहेलियाँ थीं—एक मुर्ग़ी और एक बत्तख।

मुर्ग़ी का नाम था—मेघा। बत्तख का नाम था—बरखा। उनके तीन-तीन बच्चे थे। वे सब मेला देखने दूसरे गाँव जा रहे थे।

रास्ते में नदी गई। मेघा ने कहा, “हम नदी कैसे पार करेंगे? हम तो डूब जाएँगे।” बरखा ने कहा, “हम सब तैरकर नदी पार कर लेंगे।” मेघा ने पूछा, “वो कैसे?”

बरखा ने सबको पास बुलाया और अपनी जुगत बताई।

सब ख़ुशी से उछल पड़े—हुर्रे!

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आस्तिक सिन्हा

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स्रोत :
  • पुस्तक : सारंगी (पृष्ठ 85)
  • रचनाकार : आस्तिक सिन्हा
  • प्रकाशन : एनसीईआरटी
  • संस्करण : 2022
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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