आस्तिक सिन्हा की कहानियाँ
डरो मत
नरेंद्र को चंपक का पेड़ बहुत पसंद था। चंपक के पेड़ पर लटककर झूलना उन्हें और भी पसंद था। चंपक का यह पेड़ उनके मित्र के घर लगा था। नरेंद्र आठ साल की उम्र से ही अपने मित्र के घर खेलने जाया करते थे। हर दिन की तरह वे चंपक के पेड़ पर झूल रहे थे। तभी