तोसिया का सपना

tosiya ka sapna

अज्ञात

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तोसिया का सपना

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नोट

प्रस्तुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा दूसरी के पाठ्यक्रम में शामिल है।

एक दिन तोसिया ने सपना देखा। तोसिया बहुत सपने देखती है। वह उठकर सपनों के बारे में बात भी करती है। तोसिया को सपना आया कि दुनिया के सारे रंग उड़ गए हैं। कहीं कोई रंग नहीं बचा। उसने देखा कि सब कुछ सफ़ेद-सफ़ेद हो गया है।

तोसिया उठी और सपने को याद करने लगी। वह एकदम से घबरा गई। तोसिया सोचने लगी कि क्या सचमुच रंग ग़ायब हो गए हैं।

तोसिया रसोई में गई। वहाँ बहुत सारे रंग-बिरंगे मसाले रखे हुए थे। लाल मिर्च, ज़ीरा, हल्दी, धनिया, मेथी।

तोसिया उठकर बाहर बग़ीचे में गई। वहाँ रंग-बिरंगे फूल खिले हुए थे। गेंदा, चमेली, सदाबहार, गुलाब, सूरजमुखी। तोसिया ने देखा कि उसके कपड़ों में रंग हैं। मम्मी-पापा के कपड़ों में भी रंग हैं। घर में भी ख़ूब सारे रंग दिख रहे थे।

तोसिया मम्मी के साथ बाज़ार चल पड़ी। वहाँ ख़ूब सारी रंग-बिरंगी सब्ज़ियाँ थीं। गाजर, बैंगन, टमाटर, सेम, मटर। बाज़ार में पतंग की दुकान भी थी। दुकान में ख़ूब सारी रंग-बिरंगी पतंगें थीं। काली, पीली, नीली, हरी, नारंगी। मम्मी चुन्नी की दुकान पर गईं। वहाँ ख़ूब सारी रंग-बिरंगी चुन्नियाँ थीं। गुलाबी, बैंगनी, फ़िरोज़ी, आसमानी, भूरी। बाज़ार में ग़ुब्बारेवाला खड़ा हुआ था। उसके पास ख़ूब सारे रंग-बिरंगे ग़ुब्बारे थे। नीले, पीले, हरे, लाल, गुलाबी। तोसिया ने ख़ूब सारे रंग देखे। वह ख़ुश हो गई कि रंग ग़ायब नहीं हुए हैं। वह रंगों को गिनने लगी।

तोसिया घर आकर दुपहर को सो गई। उसने उठकर देखा कि नानी की सहेलियाँ आई हुई हैं। उन सबके बाल सफ़ेद-सफ़ेद हैं। तोसिया को एक बात याद आई। वह रात को नानी के साथ सोई थी। इसलिए सपने में सब सफ़ेद-सफ़ेद दिखा होगा। तोसिया नानी के बालों को ग़ौर से देखने लगी। वह नानी के बालों को छू-छूकर देखने लगी। तोसिया सोचने लगी कि नानी के बाल सफ़ेद क्यों हैं। उसने नानी से पूछा कि उनके बालों का रंग कहाँ गया। नानी बोली कि पहले उनके बाल भी काले थे। फिर उनके बालों का रंग तोसिया के बालों में चला आया।

स्रोत :
  • पुस्तक : सारंगी (पृष्ठ 46)
  • प्रकाशन : एनसीईआरटी
  • संस्करण : 2022
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

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‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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