सवैया

वर्णिक छंद। चार चरण। प्रत्येक चरण में बाईस से लेकर छब्बीस तक वर्ण होते हैं।

रीतिकाल और आधुनिककाल की संधि रेखा पर स्थित अलक्षित कवि।