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रंग अनेक बन्यौ बर पालन लाल

rang anek banyau bar palan lal

रामगुलाम द्विवेदी

अन्य

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रामगुलाम द्विवेदी

रंग अनेक बन्यौ बर पालन लाल

रामगुलाम द्विवेदी

और अधिकरामगुलाम द्विवेदी

    रंग अनेक बन्यौ बर पालन लाल अमोल अनेक लगे हैं।

    पौढ़े हैं रामलला तेहि ऊपर पेखत पेखनिहार ठगे हैं॥

    देव कहैं लहैं उपमा हम भूतल भूप के भाग जगे हैं।

    'रामगुलाम' तेऊ धनि हैं जग जे हरि के गुन रूप रँगे हैं॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : कवित्त-रामायण (पृष्ठ 1)
    • संपादक : महावीरप्रसाद मालवीय वैद्य
    • रचनाकार : रामगुलाम द्विवेदी
    • प्रकाशन : बेलविडियर प्रेस, प्रयाग
    • संस्करण : 1924

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