Font by Mehr Nastaliq Web

ऐसे जीवन सूं मरबो ही भलो

aise jiwan soon marbo hi bhalo

संत रामचरण

अन्य

अन्य

संत रामचरण

ऐसे जीवन सूं मरबो ही भलो

संत रामचरण

और अधिकसंत रामचरण

    ऐसे जीवन सूं मरबो ही भलो, शठ छोड़ि संसार खराब भयो।

    तन ऊपर सांग फ़क़ीर को दीसत, धंध में आयु बदीत गयो॥

    कभू गोबर थापत पीसत पोवत, साध सूं नारि सो होय रयो।

    कहै रामचरण ऐसो धिक् जीवन, सांग लजावण कांहि लयो॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : श्री रामस्नेही संप्रदाय (पृष्ठ 176)
    • संपादक : वैद्य केवलराम स्वामी
    • रचनाकार : संत रामचरण
    • प्रकाशन : श्री स्वामी केवलराम आयुर्वेद सेवा निकेतन ट्रस्ट
    • संस्करण : 1959

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

    रजिस्टर कीजिए