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छीर पयोनिधि में प्रगट्यौ ससि

chheer payonidhi mein prgatyau sasi

हरिचरणदास

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हरिचरणदास

छीर पयोनिधि में प्रगट्यौ ससि

हरिचरणदास

और अधिकहरिचरणदास

    छीर पयोनिधि में प्रगट्यौ ससि सुंदर श्री कौ सहोदर भाई।

    मंद कियौ अरविंद कौं रूप सौं चंद लही सुषमा की बड़ाई।

    भाष्यौ विरंचि सौं चाहि कै रच में मोहन के मुख की छवि पाई।

    आनन पै विधि थाप दई सौई छाप भई छुटै सबराई॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : मोहन लीला (पृष्ठ 36)
    • संपादक : कृपाशंकर तिवारी
    • रचनाकार : हरिचरणदास
    • प्रकाशन : रोशनलाल जैन एंड संस, जयपुर
    • संस्करण : 1973

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