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अकबर समद अथाह

akbar samad athah

पृथ्वीराज राठौड़

अन्य

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पृथ्वीराज राठौड़

अकबर समद अथाह

पृथ्वीराज राठौड़

और अधिकपृथ्वीराज राठौड़

    अकबर समद अथाह, सूरापण भरियो सजळ।

    मेवाड़ो तिण माँह, पोयण फूल प्रतापसी॥

    अकबर अथाह समुद्र है जिसमे वीरता-रूपी जल भरा हुआ है। परंतु मेवाड का राणा प्रताप उसमें कमल के फूल के समान है। अर्थात् जिस तरह कमल पर जल का कोई असर नहीं पड़ता उसी तरह प्रताप पर भी अकबर की वीरता का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

    स्रोत :
    • पुस्तक : डिंगल में वीररस (पृष्ठ 41)
    • संपादक : मोतीलाल मेनारिया
    • रचनाकार : पीथळ
    • प्रकाशन : हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग
    • संस्करण : 1944

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