Font by Mehr Nastaliq Web

क्या सोवत ग़ाफ़िल चेत

kya sowat ghafil chet

तुलसी साहब

अन्य

अन्य

तुलसी साहब

क्या सोवत ग़ाफ़िल चेत

तुलसी साहब

और अधिकतुलसी साहब

    क्या सोवत ग़ाफ़िल चेत, सिर पर काल खड़ा॥

    ज़ोर ज़ुलम की रीत बिचारी, कर माया से हेत।

    जम की ज़बर ख़बर नहिं जानी, बाँध नर्क दुख देत॥

    बिनसे बदन अगिन बिच जारे, खीर खाँड रस लेत।

    फिर-फिर काल कमान चढ़ावे, मार लेत खुल खेत॥

    विष रस रंग संग बहु कीन्हा, कर-कर बैस बितेत।

    बिरध बनाय बूढ़ तन भइया, कारे केस भये श्वेत॥

    सुत दारा आदर अलसाने, बुढ़वा मरे परेत।

    छल बल माया कर गई रे, यह दुनियाँ के हेत॥

    मनी मान से धनी चीन्हा, चिड़ियाँ चुग गई खेत।

    अब पछताये क्या हो तुलसी, पहिले रहा अचेत॥

    हे नर! तेरे सिर पर काल खड़ा है और तू अचेत होकर सोया हुआ है। तू ने माया से प्रीत प्रतीत करके, ज़ोर-ज़ुल्म और अन्याय का मार्ग अपना लिया है, किंतु तू नहीं जानता है कि काल कितना ज़बरदस्त है। वह जीवों को बाँधकर नर्क में डाल देता है और उन्हें बहुत दुख देता है। तू तो स्वादिष्ट मीठा भोजन करके इस तन को हष्ट-पुष्ट करता है, किंतु काल बार-बार तीर कमान चढ़ा कर देखते ही देखते इसे मार गिराता है और मृत्यु होते ही इसे अग्नि में जला दिया जाता है। विषय भोग और इंद्रिय सुखों में बहुत लिप्त रह कर, तूने अपनी उम्र बर्बाद कर दी और अब वृद्धावस्था आने से तेरा तन भी बूढ़ा हो गया और काले बाल सफ़ेद हो गये हैं। तेरे पुत्र और पत्नी ने तेरा आदर करना छोड़ दिया है और चाहते हैं कि बुड्ढा जल्दी मरे। इस तरह माया तेरे साथ धोखा कर गई। यही इस दुनिया की प्रीत है। तुलसी साहब कहते हैं कि तूने मालिक को भली प्रकार नहीं पहचाना और तू अचेत रहा, जिससे चिड़ियाँ खेत चुग गईं, यानी यह बरबादी हुई और अब पछताने से क्या होता है।

    स्रोत :
    • पुस्तक : तुलसी साहब (हाथरस वाले) की बानी (पृष्ठ 42)
    • संपादक : ज्ञान दास माहेश्वरी
    • रचनाकार : तुलसी साहब
    • प्रकाशन : स्वामी बाग, आगरा

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

    रजिस्टर कीजिए