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मन बसंत खेले अगम फाग

man basant khele agam phag

बुल्ला साहब

अन्य

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बुल्ला साहब

मन बसंत खेले अगम फाग

बुल्ला साहब

और अधिकबुल्ला साहब

    मन बसंत खेले अगम फाग।

    चरन कमल अनुराग जाग॥

    खेले ब्रह्मा महादेव।

    खेले नारद जैदेव॥

    खेले ध्रुव प्रहलाद जानि।

    खेले सुकदेव भक्ति मानि॥

    हनुमत खेले सेवक होय।

    अरजुन खेले गति बिलोय॥

    सहदेव खेले अगम गाय।

    परम जोति में रहे समाय॥

    खेले नाभा कबीर।

    खेले नानक बड़े धीर॥

    दसम द्वार पर दरस होय।

    जन बुल्ला देखु आपु सोय॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : बुल्ला साहिब का शब्दसार (पृष्ठ 19)
    • रचनाकार : बुल्ला साहेब
    • प्रकाशन : बेलवीडियर प्रिंटिंग वर्क्स, इलाहाबाद
    • संस्करण : 1979

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