Font by Mehr Nastaliq Web

कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर के उद्धरण

मृत्यु जीवन का अंत है, यह उनकी राय है जो जीते नहीं, जिन्हें जीना पड़ता है। मृत्यु जीवन की विवशता है, यह उनकी राय है, जिन्हें और चाहे जो आए, जीना नहीं आता। मृत्यु जीवन का मूल्य है, यह उनकी राय है, जिन्हें जीवन का ज्ञान है कि वह है क्या? पर मृत्यु से हम अपने जीवन का पूरा मूल्य वसूल करेंगे, यह हनकी घोषणा है जो जीवन को जीने की तरह जीते हैं।