विशाल श्रीवास्तव की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1978 | फ़ैज़ाबाद, उत्तर प्रदेश
‘पीली रोशनी से भरा काग़ज़’ शीर्षक कविता-संग्रह के कवि। जनवादी लेखक संघ से जुड़ाव।
‘पीली रोशनी से भरा काग़ज़’ शीर्षक कविता-संग्रह के कवि। जनवादी लेखक संघ से जुड़ाव।