वीरेन डंगवाल की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1947 - 2015 | टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड
समादृत कवि-लेखक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
समादृत कवि-लेखक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।