विनोद दास की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1955 | बाराबंकी, उत्तर प्रदेश
नवें दशक के कवि-लेखक। ‘ख़िलाफ़ हवा से गुज़रते हुए’ चर्चित कविता-संग्रह।
नवें दशक के कवि-लेखक। ‘ख़िलाफ़ हवा से गुज़रते हुए’ चर्चित कविता-संग्रह।